दो दिन लगातार हुई बारिश से किसानों की गेहूं की फसल लगभग तबाह हो चुकी है। फसल को 50 से 55 प्रतिशत तक नुकसान पहुंचा है। साथ ही ऐसे खेत जिनमें पानी भरा है और उनमें गेहूं बिछ गया है, उनमें फसल सड़ने की सबसे ज्यादा आशंका है।
पिछले चार-पांच दिनों से बिगड़े मौसम के मिजाज की वजह से सोमवार सुबह तेज बारिश हुई थी। बारिश के दौरान हवा चलने से गेहूं की फसल खेतों में बिछ गई। सोमवार से मंगलवार सुबह तक बारिश होती रही, इससे खेतों में पानी और ज्यादा भर गया।
जमीनी सतह से नीचले खेतों में बारिश के पानी के निकास की व्यवस्था नहीं होने के कारण, उन खेतों में गेहूं के सड़ने की आशंका बढ़ गई है। ऐसे में जमीन पर गिरी गेहूं की फसल को फिलहात राहत नजर नहीं आ रही है। वहीं गिरे गेहूं की फसल को अब चूहे कुतरेंगे की भी आशंका बढ़ गई है।
कृषि विभाग के मुताबिक दो-तीन दिन के अंदर जो बारिश हुई है। उससे जिले में दो से तीन प्रतिशत ही गेहूं की फसल खराब हुई है, क्योंकि जमीन अभी तक सूखी थी। ऐसे में बारिश का पानी जमीन सोख गई है। इससे वजह गेहूं की फसल पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है। धूप निकलने के बाद में अधिकांश गेहूं की फसल खड़ी हो जाएगी।
विभाग का दावा… सवा करोड़ से अधिक बांटा मुआवजा
– पिछले साल बारिश की वजह से धान की फसल पूरी तरह से चौपट हो गई थी। जब इसका प्रशासनिक स्तर पर सर्वे कराया गया तो उनके लिहाज से जिले में कहीं पर भी फसल शासन के मानक के अनुरूप खराब नहीं हुई थी। 2016-17 में हुई बारिश के दौरान जो फसलें खराब हुई थी। उस दौरान मुआवजा दिया गया था।