दिल्ली में घटा 30 फीसदी प्रदूषण', 50वें विश्व पर्यावरण दिवस के सम्मेलन में बोले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
Delhi Pollution: विश्व पर्यावरण दिवस पिछले 50 सालों से 5 जून को मनाया जाता है. दिल्ली सरकार इस अवसर पर एक सम्मेलन का आयोजन किया. जिसमें सीएम ने प्रदूषण पैदा करने के सभी आयामों पर चर्चा की.
विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर सोमवार (5 मई) को दिल्ली सरकार के पर्यावरण एवं वन विभाग की ओर से त्यागराज स्टेडियम में पर्यावरण सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि सीएम अरविंद केजरीवाल भी शामिल हुए. पर्यावरण सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम 50वां विश्व पर्यावरण दिवस मना रहे हैं. 1972 में यूएन जनरल एसेंबली ने इसकी शुरूआत की थी. तब लगा होगा कि दुनिया में प्रदूषण बहुत बढ़ता जा रहा है. इसे रोकने की जरूरत है.
सीएम ने कहा कि जब-जब हम विकास की बात करते हैं तो माना जाता है कि विकास के साथ-साथ प्रदूषण भी होगा. विकास होगा तो पेड़ काटे जाएंगे, धूल-मिट्टी उड़ेगी, निर्माण होगा. हम 50 साल से विश्व पर्यावरण दिवस मना रहे हैं, लेकिन इन वर्षों में पूरी दुनिया के अंदर प्रदूषण कम होने के बजाय बढ़ा है. भारत में भी किसी शहर, कस्बा या गांव को देंखे तो हर जगह प्रदूषण बढ़ा है. लेकिन पूरे देश में दिल्ली के अंदर प्रदूषण घटा है.
उन्होंने कहा कि पिछले 8 सालों में दिल्ली के अंदर विकास की गति कम नहीं हुई है. विकास खूब तेज गति से हो रहा है. स्कूल, अस्पताल, सड़कें, फ्लाईओवर सब बन रहे हैं, लेकिन प्रदूषण बढ़ने के बजाय कम हुआ है. हम लोगों ने दिल्ली के दो करोड़ लोगों के साथ मिलकर विकास की गति कम नहीं होने दी और साथ ही प्रदूषण को भी कम किया है.
सीएम अरविंद केजरीवाल ने आंकड़ों के जरिए बताया कि 2016 के मुकाबले 2022 में पीएम-2.5 और पीएम-10 में 30 फीसद की कमी आई है. हम देखते हैं कि पूरे आसमान में प्रदूषण ही प्रदूषण हो गया है और सांस लेना मुश्किल हो जाता है. 2016 में 26 दिन ऐसे थे, जब दिल्ली गैस चैंबर बन गई थी और सांस लेना मुश्किल था. लेकिन 2022 में केवल 6 दिन ऐसे थे, जब दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खराब था. थोड़े समय की और बात है. मुझे पूरी उम्मीद है कि दिल्ली वाले मिलकर प्रदूषण के ये 6 दिन भी खत्म कर देंगे और आने वाले सालों में एक भी दिन खराब नहीं होगा.
2016 में 109 दिन ऐसे थे, जो बहुत अच्छे थे. प्रदूषण नहीं था और आसमान बिल्कुल साफ था. जबकि 2022 में 163 दिन ऐसे थे, जो बहुत अच्छे थे. हर दिन साफ होने चाहिए, इस दिशा की ओर अपने को लेकर जाना है.
उन्होंने कहा कि हम लोगों ने ‘युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध’ नारा दिया था. ये केवल नारा भर नहीं है, बल्कि इसके तहत हमने प्रदूषण को रोकने के लिए ढेरों काम किए. मसलन, हम सुनते हैं कि पराली जलाने से प्रदूषण होता है. दिल्ली सरकार ने पूसा इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर एक घोल का अविष्कार किया और अब दिल्ली के लगभग सभी किसान पराली नहीं जलाते हैं, बल्कि घोल का छिड़काव कर पराली को नष्ट करते हैं. इसलिए दिल्ली में पराली से धुंआ नहीं आता है.