Dwarka Expressway Features: पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने दिल्ली से गुरुग्राम को जोड़ने वाले द्वारका एक्सप्रेसवे का सोमवार को उद्घाटन किया. दिल्ली से गुरुग्राम जाने वालों को अक्सर जाम का सामना करना पड़ता है और एक्सप्रेस-वे आम लोगों की इसी परेशानी से राहत दिलाएगा. इस एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 29.5 किलोमीटर है जिसमें से एक बड़ा हिस्सा गुरुग्राम से होकर गुजरता है. आइए जानते हैं इस एक्सप्रेस-वे की खासियत जो इसे देश के बाकी सड़कों से अलग बनाती है.
देश का पहला सिंगल पिलर वाला एक्सप्रेस-वे
इस 29 किलोमीटर के एक्सप्रेस-वेवे को करीब 9000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है जिसमें 8 लेन है. पीएम मोदी ने इसके 19 किलोमीटर के हिस्से को जनता को समर्पित किया है जो कि हरियाणा में है. दिल्ली में इसका दायरा 10.1 किलोमीटर तक फैला होगा जिसका काम जून तक पूरा होने की संभावना है. यह देश का पहला एक्सप्रेस-वे होगा जो कि सिंगल पिलर पर बनाया गया है. हरियाणा में सिंगल पिलर पर 34 मीटर चौड़ा और दिल्ली में 10.1 किलोमीटर लंबाई की सड़क होगी..
एक्सप्रेस-वे से क्या होगा असर?
यह एक्सप्रेस-वे गुरुग्राम के सेक्टर 88, 83, 84, 99, 113 को दिल्ली के द्वारका सेक्टर-21 से जोड़ेगा. ऐसे में इससे कनेक्टिविटी तो बेहतर होगी है वहीं इलाके के आसपास के क्षेत्रों का भी विकास होगा. बताया जा रहा है कि इससे गुरुग्राम के लाखों लोगों को फायदा होगा. न केवल 20 से अधिक कॉलोनियां सीधे एक्सप्रेस-वे से जुड़ेंगी बल्कि 10 से अधिक गांव भी एक्सप्रेस-वे के पास है.
जाम कितना घटेगा?
एक्सप्रेस-वे से गुरुग्राम और दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट के बीच ट्रैफिक सुगम हो जाएगा. गुरुग्राम से इंदिरा गांधी एयरपोर्ट एनएच-48 से गुजरकर जाते हैं और इस रास्ते में जाम भी मिलता है लेकन एक्सप्रेस-वे से बिना बाधा पहुंचा जा सकेगा. इसके अलावा इससे दिल्ली से जयपुर, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश की कनेक्टविटी और अच्छी हो जाएगी. दरअसल, दिल्ली से जयपुर जाने वाले यात्रियों को सरहौल बॉर्डर पर जाम में फंसना पड़ता है. अब न केवल जाम से मुक्ति मिलेगा बल्कि नेशनल हाइवे पर भी दबाव कम हो जाएगा.
कितनी कम होगी वेटिंग टाइम
एक्सप्रेस-वे न केवल लोगों को जाम की समस्या से निजात दिलाएगा बल्कि दिल्ली से गुड़गांव की दूरी भी एकतरह से कम कर देगा. पहले दिल्ली से मानेसर जाने में एक घंटे लग जाते थे और अगर जाम लगा हो तो फिर दो घंटे का ट्रैवल टाइम हो जाता था जबकि अब केवल 20 मिनट में पहुंचा जा सकेगा.
इसके अलावा दिल्ली के जनकपुरी, पीतमपुरा और रोहिणी के अलग-अलग सेक्टरों में भी पहले से कम समय में पहुंचा जा सकेगा. दिल्ली का हिस्सा शुरू होने पर एयरपोर्ट तक 25 मिनट में पहुंचा जा सकेगा.