Bahraich Violence: बहराइच हिंसा की आग में घी कौन डाल रहा है? @Sakriya.Bharat

Bahraich Violence: यूपी के बहराइच में रविवार को देवी दुर्गा की मूर्ति के विसर्जन के दौरान गोलीबारी और पथराव की घटना को लेकर तनाव बढ़ गया है. देर रात तक इस घटना के विरोध में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन देखने को मिला. जिस पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्त एक्शन के निर्देश दिए. इस घटना के बाद एसएचओ और चौकी इंचार्ज को सस्पेंड कर दिया गया है. वहीं 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनसे पूछताछ की जा रही है. इस मामले में देर रात पुलिस अफ़सरों ने ज़िम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए हरदी थाने के एसएचओ और महसी चौकी प्रभारी को निलंबित कर दिया है. पुलिस की प्राथमिक जांच में ये बात सामने आई हैं कि एसएचओ और थाना प्रभारी द्वारा इस मामले में लापरवाही बरती गई, जिसके चलते बवाल बढ़ गया और माहौल खराब हुआ. 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया आरोप है कि दोनों पक्षों के बीच जब विवाद बढ़ा तो मौके पर मौजूद पुलिस मूकदर्शक बनी रही. मौके पर एसओ की भी मौजूदगी नहीं थी. विसर्जन यात्रा के दौरान पथराव की घटना को लेकर जब पूजा समिति के लोगों ने विरोध किया तो पुलिस ने उन्हीं लोगों पर लाठी चार्ज कर दिया. जिसके बाद वहां भगदड़ मच गई, जिसके बाद तनाव और बढ़ गया. पुलिस ने इस मामले में दोनों पक्षों से 25 लोगों को भी गिरफ्तार किया है. जिनसे पूछताछ की जा रही है. एसपी ने दी ये जानकारी एसपी वृंदा शुक्ला ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस घटना को लेकर सलमान नाम उपद्रवी समेत अन्य को नामजद किया गया है. अन्य आरोपियों की पहचान की जा रही है. आरोपियों को धरपकड़ के लिए टीमें डिस्पैच कर दी गईं हैं. प्रशासनिक अधिकारियों के समझाने के बाद प्रतिमाओं का विसर्जन शुरू हो गया है. बवाल के बाद इस क्षेत्र ममें तकरीबन 1100 मूर्तियों का विसर्जन रोका गया था. आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद रामलीला समिति के लोगोंमूर्तियों का विसर्जन शुरू किया. दरअसल बहराइच के हरदी थाना क्षेत्र में महाराजगंज कस्बे से रेहुआ मंसूर गांव तक मूर्ति विसर्जन जुलूस निकला रहा था तभी उस स्थान पर दूसरे समुदाय के कुछ लोगों ने डीजे को लेकर आपत्ति जताई, जिसके बाद विवाद बढ़ा तो पथराव और गोलीबारी शुरू हो गई. जिसके बाद दोनों पक्षों में बवाल बढ़ गया. इस बवाल में रेहुआ मंसूर गांव के निवासी राम गोपाल मिश्रा (22) घायल हो गए. बाद में इलाज के दौरान उनकी मौत हो हो गई. इस मामले को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी सख्त नजर आ रहे हैं. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को उपद्रवियों की पहचान कर कठोरतम कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं और धार्मिक संगठनों से संवाद कर समय से प्रतिमा विसर्जन कराने को कहा. सीएम योगी ने कहा प्रशासन और पुलिस के अधिकारी मौके पर उपस्थित रहें और जिनकी लापरवाही से घटना घटी उन्हें चिह्नित कर कार्रवाई की जाए.

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