दिल्ली प्रदेश का खजाना खाली होने के कगार पर, 10 हजार मार्शलों को नौकरी से निकाला, 6 महीने की तनख्वाह

भारतीय जनता पार्टी की लोकसभा सांसद सुश्री बांसुरी स्वराज ने आज शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित भारतीय जनता पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि 31 वर्षों में पहली बार दिल्ली का बजट घाटे में है और यह घाटा 7 हजार करोड़ रुपये का है। दिल्ली सरकार का खर्चा, सरकार की आय से बहुत ज्यादा है, लेकिन दिल्ली की आप सरकार यह झूठ फैलाना चाहती थी कि दिल्ली के पास सरप्लस पैसा है। सुश्री स्वराज ने कहा कि दिल्ली में आम आदमी की सरकार सत्ता के मोह में इतनी मदमस्त है कि उन्हें नालों की सफाई के लिए बजट का प्रावधान करना भी याद नहीं। यह एक ऐसी बेपरवाह सरकार है, जिसके लापरवाह मुखिया को केवल सत्ता की फिक्र करते हैं, दिल्ली की जनता की नहीं। भाजपा सांसद सुश्री बांसुरी स्वराज ने कहा कि कल दिल्ली वित्त विभाग की एक रिपोर्ट आई है, जिससे ये स्पष्ट हो गया है कि दिल्ली की अर्थव्यवस्था के विध्वंश के लिए अरविंद केजरीवाल, आम आदमी पार्टी की सरकार और मुख्यमंत्री व वित्त मंत्री आतिशी ही पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। 31 वर्षों में पहली बार दिल्ली का बजट घाटे में है और यह घाटा 7 हजार करोड़ रुपये का है। दिल्ली सरकार का खर्चा, सरकार की आय से बहुत ज्यादा है। इसका एक पहलू ये भी है कि यह घाटा जानबूझ कर किया गया है। जब दिल्ली का बजट विधानसभा में पारित हुआ था, तब वित्त मंत्री आतिशी ने दिल्ली के बजट को सरप्लस बताया था, जबकि बजट में आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास और सरकारी कर्मचारियों की पेंशन जैसे खर्च के लिए कोई प्रावधान नहीं था। यह जानबूझ कर किया गया, क्योंकि दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार यह झूठ फैलाना चाहती थी कि दिल्ली के पास सरप्लस पैसा है। सुश्री बांसुरी स्वराज ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने जानबूझ कर दिल्ली के बहिखातों में हेरफेर किया। भारतीय जनता पार्टी बहिखातों में हुए हेरफेर और दिल्ली के बजट की सीएजी से ऑडिट और जांच की मांग करती है और साथ मांग भी कर रही है कि जांच के बाद कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। आतिशी और केजरीवाल को पता था कि दिल्ली के पास पैसों की किल्लत है, इसीलिए अचानक उन्होंने एक पन्ने का आदेश जारी करके 10 हजार मार्शलों को निर्ममता से नौकरी से निकाल दिया और 6 महीने की उनकी तनख्वाह भी नहीं दी गई। क्योंकि दिल्ली सरकार के पास पैसे नहीं हैं, इसीलिए शिक्षा के क्षेत्र में वोकेशनल ट्रेनिंग शिक्षकों के साथ भी यही करने का प्रयास किया और एक पन्ने के आदेश से उन्हें भी बेरहमी से नौकरी से निकाल दिया गया। हालांकि, माननीय उप-राज्यपाल जी के हस्तक्षेप के बाद शिक्षकों की नौकरी को बहाल किया गया। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने जब आरआरटीएस प्रोजेक्ट के मामले में केजरीवाल सरकार को चेतावनी दी थी कि जरूरी बुनियादी विकास कार्यों के लिए आम आदमी पार्टी सरकार पैसे नहीं दे रही है, क्योंकि आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली के बजट में प्रावधान ही नहीं रखा। सर्वोच्च न्यायालय ने ये चेतावनी भी दी थी कि न्यायालय, दिल्ली सरकार के प्रचार-प्रसार के बजट को जब्त कर लिया जाएगा। सुश्री बांसुरी स्वराज ने कहा कि हाल ही में जब दिल्ली में मॉनसून आया था, तो प्रदेश की स्थिती बदहाल हो गई थी। थोड़ी सी बारिश में ही समूची दिल्ली डूब गई थी। जलभराव के कारण राजेन्द्र नगर में 3 आईएएस आकांक्षियों की मृत्यु हो गई थी। इस जलभराव का कारण नालों की सफाई का न होना था। स्थानीय लोगों ने क्षेत्र के विधायकों से नाली की सफाई के लिए बार-बार गुहार लगाई, मगर आप विधायक के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। बीते दिन आई दिल्ली वित्त विभाग की रिपोर्ट में नजफ़गढ़ ड्रेन की डिसिल्टिंग के बजट को भी शामिल नहीं किया गया। जब सरकार को यह मालूम ही नहीं है कि नालों की सफाई अति आवश्यक है और उसके बजट का प्रावधान ही नहीं किया जा रहा, तो स्वाभाविक तौर पर सरकार अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रही है। दिल्ली में आम आदमी की सरकार सत्ता के मोह में इतनी मदमस्त है कि उन्हें नालों की सफाई के लिए बजट का प्रावधान करना भी याद नहीं, इसलिए प्रदेश की स्थिति इतनी बदहाल है। आम आदमी पार्टी की सरकार केवल प्रचार, प्रसार और भ्रष्टाचार में लिप्त है। यह ऐसी बेपरवाह सरकार है, जिसके लापरवाह मुखिया को केवल सत्ता की फिक्र करते हैं, दिल्ली की जनता की नहीं। दिल्ली के 31 साल के इतिहास में अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने एक नया मुकाम हासिल किया है, जब पहली बार दिल्ली का बजट 7 हजार करोड़

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